Positive. life...।

सकारात्मक जीवन...।


      नमस्कार दोस्तो,आज हम आपको सकारात्मक जीवन के बारे में कुछ ऐसी जानकारी देंगे। जो आप अपने जीवन(life style) में बदलाव कर सकेंगे।

         * सकारात्मक जीवन *

⟩⟩.सकारात्मक मनोविज्ञान इन दिनों एक बहुचर्चित विषय है. "सुख और संतोष", "अच्छी सेहत", "ध्यान", "एकाग्रता" आदि शीर्षक वाली पुस्तकें अधिक संख्या में प्रकाशित हो रही हैं जिन्होंने सिर्फ़ अकादमिक पत्रिकाओं में ही नहीं बल्कि मुख्यधारा पत्रिकाओं में भी अपनी जगह बना ली है. संयुक्त राज्य अमेरिका में 200 से अधिक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों,जिसमें मेरी कॉलेज भी शामिल है, में इस क्षेत्र में पाठ्यक्रम की पेशकश कर रहे हैं.


 ब्याज की यह वृद्धि एक नाटकीय बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है. लगभग एक सदी से मनोवैज्ञानिक सिद्धांत और व्यवहार दोनों में, मानसिक बीमारी और भावनात्मक नुकसान के सुधार पर प्रकाश ड़ाला गया है. यह आश्चर्य की बात नहीं है क्यों कि कई गुणीजन सिगमंड फ्रायड की तरह चिकित्सा डॉक्टर थे जिन्हें पैथॉलॉजी में ट्रेनिंग मिली थी न कि स्वास्थ्य में. फिर,1998 में, पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के डॉ मार्टिन सेलिग्मान ने, जो उस समय अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष थे, "मानव शक्तियाँ और उनके गुण"-इस

विषय पर वैज्ञानिक अध्ययन करने को प्रोत्साहित किया जिसमें दया, जिज्ञासा, रचनात्मकता, आशा, उत्साह, नेतृत्व, साहस, क्षमा जैसे गुण शामिल हैं.  

  


हालांकि 'सकारात्मक मनोविज्ञान’ इस शीर्षक का श्रेय सेलिग्मान को जाता है, पर हममें क्या सही है न कि क्या गलत है , इस पर ध्यान केंद्रित करने का श्रेय जाता है अब्राहम मासलो को जो ६० वर्ष से पहले जाने-माने अमरीकी मनोचिकित्सक थे. व्यक्तित्व और प्रेरणा, अनुभव, तालमेल पर अपने मौलिक अध्ययन के लिए जाने

जाते हैं. सकारात्मक मनोविज्ञान के दो मुख्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है- अनुभवों की धारा और हमारे जीवन में एक विश्वासपात्र की उपस्थिति.


रोजमर्रा की जिंदगी की धारा क्या आप कभी किसी गतिविधि में इतने मग्न हुए हैं कि अपने आप को भी खो

दिया हो और समय जैसे गायब हो गया हो? यदि हाँ, तो आप अपने कार्य-स्थल में खुश हैं और अपने काम में उत्साह रखते हैं जो आपको व आपकी कंपनी दोनों को लाभदायक है. व्यापार जगत के नेताओं को इस प्रवाह अनुभव में बड़ी रुचि है जिससे उत्पादिता बढ़ती है.



आपको आश्चर्य हो सकता है कि यह मनोवैज्ञानिक अवधारणा, ‘प्रवाह के साथ जाओ’ -इस लोकप्रिय कहावत से संबंधित नहीं है. दरअसल, यह डॉ मिहाल्यी ने कई साल अध्ययन कर अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर इसे विकसित किया. 1934 हंगरी में जन्मे, डॉ मिहाल्यी का बचपन द्वितीय विश्व युद्ध के एक जेल शिविर में बीता जहाँ शतरंज ने उन्हें आसपास की अकथ्य पीड़ा सहने में सक्षम बनाया. एक संदर्शन में डॉ मिहाल्यी याद करते हैं, "वह एक अलग दुनिया में प्रवेश करने का चमत्कारी रास्ता था जहाँ वास्तविकता में स्पष्ट नियम और लक्ष्य था.


किशोरावस्था में चित्रकला में अभिरुचि बढ़ाने का भी यही कारण रहा है. विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद 1965 में शिकागो में उन्होंने कलाकारों एवं रचनात्मक व्यक्तियों पर संशोधन किया. आखिरकार इस तरह के अनुसंधान में वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि अगर हम किसी गतिविधि में इतने तल्लीन हो जाते हैं कि और कुछ मायने नहीं रखता तब हम उसे किसी भी कीमत पर जारी रखेंगे. "आप कैसे जानेंगे कि आप एक प्रवाह अनुभव कर रहे हैं?

          सकारात्मक जीवन 

डॉ मिहाल्यी ने 8 सुविधाओं की पहचान की है: १) कार्रवाई और जागरूकता दोनों की वजह से आप उस गतिविधि में डूब जाते हैं २) काम में तल्लीनता के कारण आप का ध्यान कहीं और आकर्षित नहीं होता है. ३) नियंत्रण खोने की कोई चिंता नहीं ४) अपने अहंकार को दबाए रखते हैं ,अपनी आत्म-चेतना को खो चुके हों ५)

समय असामान्य रूप से गुज़रता है ६) खुद अनुभव करने के लिए करते हैं ७) गतिविधि ऐसी होती है जो आपके सामान्य कौशल के स्तर से ऊँचा है और एक चुनौती भी है. ८) गतिविधि के लक्ष्य स्पष्ट हैं और प्रतिक्रिया भी तत्काल ही मिलता है.


क्या आपका कोई विश्वासपात्र है?



25 से भी अधिक वर्षों से व्यवहार वैज्ञानिकों के अनुसार दोस्ती और भलाई के बीच एक अनोखा संबंध पाया है. प्राचीन यूनानी दार्शनिक अरिस्टोटल ने तीन प्रकार की दोस्ती की पहचान की है- उपयोगिता (जैसे व्यापार लाभ के रूप में), खुशी (संतोष बाँटने) और पवित्रता (भावनात्मक चिंता और देखभाल). उनके विचार में, दोस्ती में पवित्रता व सच्चाई का मनुष्य के जीवन पर गहरा प्रभाव है. मध्य युग में, स्पेन और ईजिप्ट के रहने वाले रब्बी-चिकित्सक मूसा मैमोनाइड्स ने अरिस्टोटल के दृष्टिकोण को विस्तृत किया. उन्होंने कहा कि दोस्ती व्यक्तिगत कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है कि अपने जीवन्काल में सबको एक दोस्त की ज़रूरत होती है जो हमारे सुख में, दुख में हमारा साथ दे और बुढ़ापे में भी हम एक दूसरे का सहारा बनें.


अरस्टॉटल और मैमोनाइड्स जैसे ऐतिहासिक विचारकों ने दोस्ती और कल्याण के बीच एक स्पष्ट संबंध देखा जिसे वैज्ञानिक सबूतों ने भी सही साबित किया. अध्ययन की सीमा विस्तृत हो गई है: उत्तर अमेरिकी के किशो्रों द्वारा मादक पदार्थों का सेवन और अवसाद की अवस्था से लेकर मैक्सिकन लोगों की स्वास्थ्य प्रथाओं तक. दोहराए गए अनुसंधानों से यह पता चलता है कि एक विश्वसनीय दोस्त का साथ जोखिम भरा और आत्म विनाशकारी व्यवहार को कम करती है. अध्ययनों से यह भी एक पता चलता है कि विश्वासपात्र के होने से हृदय हानि, उच्च रक्तचाप, और अस्थमा जैसी समस्याओं से ग्रस्त होने की संभावना कम होती है अवसाद की अवस्था में भी नहीं जाते हैं.


ब्रिटेन में, कैम्ब्रिज के स्ट्रेंजवेस लेबोरेटरी में, मोटापे पर डॉ पॉल सुर्टीस द्वारा किए गए एक अध्ययन में एक विश्वासपात्र की कमी से पुरुष अपनी उम्र से चार साल और महिलाएँ पाँच साल बड़ी लगने लगती हैं.  

 


हर महीने, मैं सकारात्मक मनोविज्ञान के बारे में वैज्ञानिक जानकारी दूँगा. मेरी अगली कॉलम में हमारे दैनिक कल्याण के लिए आभार प्रकट कर क्षमा के महत्व पर ध्यान दिया जाएगा. 

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