सांप इस धरती पर उपस्थित उन चुनीदा जीवो में शामिल है जिनका की यह डायनासोर के युग से इनका अस्तित्व है।इतने लंबे समय तक में हम सांपो के बारे में बहुत कुछ जानकारी जान गए है,लेकिन फिर भी हम कुछ ऐसे फैक्ट्स बताएंगे इस ब्लॉग में जो शायद आप नहीं जानते होगे।
तो चलिए शुरू करते ....।

Amazing facts about snakes...!

1. साँप अपनी खुराक रोज नही लेता। ब्लकि यह हफते, महीने या साल में एक बार ही भोजन करते हैं।

2. साँप किसी भी चीज को चबाकर नही खाते ब्लकि सीधे ही निगल जाते हैं। साँप मेंढ़को, छिपकलियों , पक्षियों, चुहों और अपने से छोटे साँपो को भी खाते है। अफ्रीका का अजगर तो छोटी गाय को भी निगल जाता है।

3. साँप अपने जबड़े के निचले हिस्से को जमीन से लगाकर धरती से उठने वाली तरंगों और थोड़ी सी हलचल को महसुस कर लेता है जिससे भुकंप और सुनामी जैसे विनाशकारी तुफान के बारे में जानकारी देने की क्षमता होती है।

4. साँपो को पानी की जरूरत भी ज्यादा नही होती। यह अपने शिकार से ही पानी प्राप्त करते है।

5. वैज्ञानिकों के अनुसार वाइपर, अजगर और बोआ साँप के सिर पर दो विशेष प्रकार के छिद्र(सुराख) पाए जाते हैं। इन छिद्रों के ऊपर एक पत्ली झिल्ली चढ़ी होती है जो गर्मी के प्रति बहुत संवेदनशील होती है। झिल्ली में काफी संख्या में तंत्रिकाएँ(Nerves) पाई जाती हैं। इस कारण यह अंग तापमान और दर्द को महशुश करने में सक्षम होता है। यह झिल्ली विभिन्न जीवों के शरीर में निकलने वाली गर्मी जो कि इन्फ्रारेड विकिरण के रूप में होती है, को बहुत आसानी से पहचान लेती है। हांलाकि इस झिल्ली को ऊष्मा के श्त्रोत(source of heat) को महशुस करने में आँखों से कोई मदद नही मिलती है। बावजुद इसके यह उस श्त्रोंत का एक ‘ऊष्मा प्रतिबिम्ब (Heat image) बना लेती है। इससे साँप अपने पास मौजुद जीव के आकार का लगभग सही-सही अंदाजा लगा लेता है और उसके प्रति सावधान हो जाता है।

6. एक आंकड़े के अनुसार भारत में हर साल 46 हजार लोग साँप के काटने से मारे जाते है जबकि सरकारी आंकड़ा मात्र 20 हजार का है। इसका मुख्य कारण है न तो भारत में पाए जाने वाले जहरीले साँपो के बारे में जरूरी जानकारी है न ही उससे बचाव के तरीके मालुम है।

7. दुनिया के दो छोटे देश न्यूजीलैण्ड, आइसलैंड तथा अंटार्टिका मे स्नेक नही पाये जाते है।

8. किंग कोबरा जहरीले साँपो में सबसे लम्बे साँप होते है और आमतौर पर इनकी लंम्बाई 18 फुट तक होती है। इनका जहर इतना ज्यादा खतरनाक होता है कि उसकी मात्र 7 मिलीमीटर मात्रा 20 आदमी या 1 हाथी को मार सकती है।

9. शेर जैसे भयंकर जानवर को तो हम मानव थोड़ी-बहुत ट्रेनिंग देकर कुछ सिखा सकते हैं पर साँप को नहीं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि साँप कुछ सीख ही नही सकते। उनके दिमाग में अन्य जीव की तरह सेरिब्रल हेमीस्फियर नही पाया जाता है। दिमाग का यही हिस्सा सीखने की क्रिया को नियंत्रित करता है। साँप के दिमाग में यह हिस्सा ही नही होता, इस लिए वह कुछ सीखते ही नही है।

10. साँप को कोई आवाज सुनाई नहीं देती। साँप बहरे होते हैं। हवा में पैदा होने वाली ध्वनि तरंगो का साँप पर कोई प्रभाव नही होता। बीन की आवाज सुनकर साँप का आना केवल लोगों में फैला भ्रम है।

11. एक साँप अपने मुँह से तीन गुना बड़े शिकार को खा सकता है।

12. साँप की आँखों पर पलकें नहीं होती है। पलकों के स्थान पर एक पतली और पारदर्शी झिल्ली साँप की आँखों की सुरक्षा करती है।

13. कोई भी सांप बिना छेड़े कभी नही काटता है, काटने कि अधिकतर घटनायें गलती से उन पर पैर पड़ जाने के कारण होती है।

14. साँप अपने जबड़े के निचले हिस्से को जमीन से लगाकर धरती से उठने वाली तरंगों और थोड़ी सी हलचल को महसुस कर लेता है जिससे भुकंप और सुनामी जैसे विनाशकारी तुफान के बारे में जानकारी देने की क्षमता होती है.

15. सांप अपने नाक से नहीं बल्कि अपनी जीभ से सूंघते हैं। अपनी जीभ से सांप आसपास के माहौल का पता लगाते हैं।

16. कुछ लोग बिना जहर वाले सांप के डंसने पर भी भय से ही प्राण त्याग देते हैं।

17. सांप साल में कम से कम तीन बार अपनी पूरी चमड़ी (खाल, केंचुली) निकालते हैं।

18. साँप को कोई आवाज सुनाई नहीं देती। साँप बहरे होते हैं। हवा में पैदा होने वाली ध्वनि तरंगो का साँप पर कोई प्रभाव नही होता. बीन की आवाज सुनकर साँप का आना केवल लोगों में फैला भ्रम है।

19. अगर कभी सांप आपके पीछे पड़ जाए तो घबराएं नहीं बस सांप की तरह टेढ़ा मेढ़ा यानी जिग जैग बनाकर दौड़ें। सीधा दौड़ने पर सांप आपका तेजी से पीछे कर सकता है लेकिन टेढ़ा दौड़ने पर सांप लंबे समय तक आपका पीछा नहीं कर पाएगा।

20. कुछ सापं दो साल तक भोजन किये बिना जीवित रह सकते है।

21. सांप अपना मुह 150 डिग्री तक खोल लेते है।

22. सांपो की पलके नही होती है, इसलिए वो खुली आँखों के साथ ही सोते है |

23. सांप पानी में अपनी स्किन से कुछ मात्रा मे सांस ले सकते है, इससे वो शिकार कि तलाश मे पानी मे देर तक रह सकते है।

आशा करता हु की ये सारे फैक्ट्स आपको पसंद आए होगे यदि आपको ये फैक्ट्स पसंद आए तो इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर जरुर करे और हमे इस लाल कलर के बेल को दबाकर सब्सक्राइब करना ना भूले ताकि हमारे ऐसे ही लेटेस्ट ब्लॉग आप पढ़ सको।
धन्यवाद।